Thursday, July 13, 2017

खामोशियाँ भी बहुत कुछ कह जाती हैं, पढने का इन्हें , ये हुनर
सीखा हैं आप से !! #RV

Saturday, May 6, 2017

खामोशियां ज़ो लिखनी हो तो महफिल से दूरी ही अच्छी..
सोच के सागर से लड़कर , शब्दो के मोती पिरोने हैं.. #RV40

Thursday, June 20, 2013

wating for you only...!!

तू अब्र की तरह बरस जा,मैं प्यासा हूँ तेरे लिए ..  
तू रात की तरह पिघल जा मैं जागा हूँ तेरे लिए..
 बहुत  दिनों बाद आज फिर कुछ लिखने का दिल कर रहा है,और हमेशा की तरह आज तुम कुछ ज्यदा ही याद आ रही हो,आँखों में वो नमी है,जिनसे घर की दीवारें भी कुछ सिली से पड़ गयी है. यू तो अब तक बहुत कुछ लिखा है तुमहारे ख्यालों मै,आज चलो तुम्हे साथ लेके लिखना शुरू करता हूँ,देखते है कौन सा रंग निकल आता है। एक बात अगर पसंद न आये तो बेझिझक बता देना,तुम अगर मुझे सुधारोंगी तो मेरी रचना और भी निखर जाएँगी।

कभी पढ़ा है तुमने जागती आँखों से रात को,गर्मी के मौसम में छत पे चारपाई पे लेटे हुए,आसमां में चमकते सितारे,कभी बात की है इनसे ??? करके देखना ये बड़ी शिददत से जवाब देते है,बस थोड़ी जरुरत होती है इनके इशारो को समझने की।।
मेरा और इनका साथ बहुत पुराना हो चला है,शयद उतना ही जब तुमको देखा था पहेली बार..तुम तो रहती नहीं हो मेरे पास तो इनसे (सितारों ) ही तुम्हारी गुफ्तुगू होती है अक्सर ..बस हो गयी दोस्ती मेरी इनसे, ये भी लाखो की भीड़ में अकेले और मेरा भी कुछ यही फ़साना ..
 हाँ,एक बात और न जाने इस सिलसिले में चाँद ने कब हमे अपना रकीब बना लिया,न जाने क्यों अब जवाब नहीं देता किसी बात का,काफी मिलती है फितरत तुम दोनों की।
पर बेचारा चाँद करता भी क्या,अक्सर तुम्हारी ख़ूबसूरती की तारीफ में गुम  हो जाता हूँ मै..
ख्याल ही नहीं रहता कोई और भी हसीन है यहाँ।।।

कभी मिले फुर्सत तुम्हे तो मिलना किसी रात मुझसे ...अपनी आँखों से से रात के वो नज़ारे दिखाऊंगा,जहाँ  जर्रे-जर्रे पे तुम खुद को ही पाऊँगी,सितारों से सजी तुम्हारी कई तश्वीर आज भी आसमां में संभाल रक्खी है…
एक बात बताओ, कभी कहा है मैंने तुम्हारी हंसी कितनी मासूम सी है .....
याद नहीं पर बोला  तो होंगा ही। भला तुम्हारी ख़ूबसूरती को अगर बयाँ न किया तो मेरी मोहब्बत,मोहब्बत कैसी ?? जब तुम्हारे सुर्ख से चेहरे पे लब ये तुम्हारे धीरे-धीरे अंगड़ाई लेते है तो लगता है खुदा ने मेरी दुआ कबूल कर ली हो ...वही सुकून सा मिल जाता है मुझे जैसे किसी काली घनी रात में किसी भटके मुसफ़िर को दूर कही जलता कोई दिया दिखा हो।

अरसा हो जाता है तुम्हे देखना तो दूर, सुन भी नहीं पाता ,अब तो याद भी नहीं कब नजर भर देखा था तुमको दिल तो बहुत करता है की मिल भी आऊ तुमसे, पर यही सोचकर रुक जाता हूँ हर बार की मेरा तुमसे बेवजह मिल जाना तुम्हे पसंद नहीं आता और तुम हो की कोई वजह देना भी नहीं चाहती।
फिर भी इस दिल से हारकर कई बार तुम्हारे मोहल्ले में आ ही जाता हूँ,सिर्फ ये सोचकर की दूर से ही सही तुम्हारी नजरो से बचकर एक नजर तुम्हे देख सको।

धुप को अनदेखा कर तो कभी बारिश में भीगकर कही किसी कोने से तुम्हारे आने वाले रास्तो पर घंटो टक-टकी लगाये तुम्हारा इंतज़ार किया करता हूँ,पर अक्सर मायूस होकर लौटा तेरे दर से दर को अपने ..
वो कहते  है न की "खुदा की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता" फिर मै तो अपनी दुनिया ही सवारने चल पड़ा था फिर क्या मिलता मुझे, मेरी मुहब्बत भी तुम हो मेरा खुद भी तुम हो,अब तो मुश्किल ही है मेरी मुहब्बत का मुकम्मल हो जाना..

Saturday, June 30, 2012

OM SAI NATH..!!

तुम सच हो प्रभू,बाकि है भ्रम,तुम सब हो प्रभू,हम है सिर्फ अंश तेरे...

जो तेरा साथ छुटा तो मिट जानी है हसती हमारी,तेरी ही कृपा से पार है,कश्ती हमारी...

जग में रहे न कोई अपना,कोई गम नहीं,साथ बना रहे तेरा यही आस है मेरी...

दिन -रात तेरी ही बात रहे,एक तुम ही हो जो हर पर साथ रहे....

गिर जाऊ प्रभु गर मै, तू ही मुझे संभाले,मेरी नाम पलकों में,प्रभु तू ही चमक डाले...

दुःख तेरी ही मर्जी है,सुख तेरी ही कृपा है,जो भी पाया इस जग में,सब तेरी मर्जी है...

मै दास सा पड़ा तेरे चरणों में,मेरा सबकुछ तेरे कदमो में....

SABKA MALIK EK!! JAI SAI NATH..!!

Greatest Prayer Is Faith & Patience.....Jai Jai Sai  

By-Raman Verma

Saturday, June 9, 2012

काश सपने सच होते

अक्सर खाव्बो मे देखा है तुमको, रात की आगोश में,जब कोई दूसरा हम दोनों के दरमियाँ नहीं होता..!!
रात की ख़ामोशी को समेटे तेरी आँखे,चाँद की चमक जैसे सिर्फ तेरे चहरे पर खिली सी...
रात को तुम अपना दोस्त बनाकर,जब सबसे छुपकर मिलती हो मुझसे,तो ऐसा लगता है की वजुद मिल गया मेरा..!!
दिन-भर दुनिया की भीड़ मे बिना मंजिल के,एक लाश की तरह भटकते जिस्म को उसकी रूह मिल गई हो जैसे..
तेरे साथ कुछ लम्हे जो बाटें,वही सच सा लगता है मुझे मेरा.. हालाकिं मालूम है सपना ही है आँख खुलते ही टूट जायेंगा.!! दुनियाँ की भीड़ मे, मै फिर कही गुमनाम सा खो जाऊंगा...!!
कभी-कभी सोचता हूँ की काश ये सुबह न हो,काश ये आँखे न खुलती,तुझको समेट लेता अपनी बंद पलकों मे कही,महफूज रखता हर उस पल को जो तेरे साथ बिताएं...!!
मालूम है मुझे ये सब एक ख्वाब है,हकीकत मे तू मुझसे जुदा है,पर जो भी हो तेरे साथ होने का भ्रम मुझे मेरे अधूरे  सच से जादा प्यारा है...
कभी तुम मिलो मुझसे मेरी खवाबो की दुनिया से अलग,तो बता दूं की तुम मेरे लिए क्या हो??

Friday, May 25, 2012

LOVE U FOREVER

 

 I Am Happy Being In Ur Memories Rather Then To Be In Relationship With Someone I Don't Love



सोचा न था तेरे जाने के बाद खामोशी होगी मेरे आस-पास,
आईने में तेरी ही तशवीर होगी,मेरी पहचान भी गुमशुदा होगी..
की चलते-चलते मेरे कदम रुकंगे,सबसे कुछ जुदा, रब से कुछ खफा से रहेंगे...
तुझको खोया जो मैंने,लगा खुद को गवाया,न कोई ख़ुशी मेरे पास होगी,
धडकनों के शोर से भी अब '"रंजिशे"" होगी....

खुद ही भुला दी हर आरज़ू इस दिल की,
जब तुने कहा की तू मेरी तकदीर में न होगी....
""ठहर"" गया मेरे हर पल वही,जिस पल तू आखरी बार मिल के गयी थी,
तू आई थी अकेले मिलने मुझसे,पर तेरे साथ मेरी ""रूह"" गयी थी...

I STILL LOVE U PREETI...             

Monday, May 7, 2012

ITS HURTS ME LOT WEN U......

 
Sometime Little Things Hurts me lot..

No Reply from u,
Ur Laugh wen i tried to explain u dat 'its killing me inside to loosing u"..
Wen i need u badly,but as always u were Busy for me....
Wen i want u, TO b with u,But u Don't Have time 4 me... 
Wen i EXPRESSED MAH DEEPEST FEELINGS to U, but U Didn't try to understand....
Wen u said u don't love me, Wen u said u don't wanna stay in ma life any more.. 
Wen u talked to me like i m nothing to u...
WEN U SAID "I M URS JUST CAUSAL FRND...
Wen u made me to think dat "i m da person u hate a lot more den anything... 
Wen i want To TALK to u, bUT u say "I AM BUSY"
Wen i don't feel sleepy at Night jst coz i wanna spend little time wid u, but u said I'm damn sleepy...
Wen u decided to left me,without saying anything...
Wen u saw me on da way but u didn't  gave acknowledged to ma present...

वो कहते  थे की वक़्त नहीं है उनके पास मुलाकात का...
पर अक्सर हमने उन्हें ज़माने से मिलते देखा...
खुद को नहीं दिए,खुद के ही पल,
उनके ख्याल में खुद को मिटते देखा....

वो जब भी मिले राहों में हमको,उनकी नजरो मे खुद को अजनबी सा देखा..
यु ही चले जाते अगर वो अजनबी की तरह तो कोई बात न थी,
कुछ अपने से होते हुए हमने उन्हें दूर जाते देखा...

दर्द की उस इंतहान का क्या कहना
अपनी जिन्दंगी (प्यार) को हमने किसी की बाँहों में सिमटते देखा..
हमने खुद अपनी रूह को जिस्म से निकलते देखा...